ब्लाटा ओरिएण्टैलिस (Blatta Orientalis) Uses

ब्लाटा ओरिएण्टैलिस (Blatta Orientalis) Uses

ब्लाटा ओरिएण्टैलिस (Blatta Orientalis) ( दमा के लिए एक असरदार होम्योपैथिक औषधि )

ब्लाटा ओरिएण्टैलिस एक बहुत ही प्रभावकारी होम्योपैथिक औषधि है जिसका उपयोग मुख्यता सांस से जुड़े हुए सभी रोगों का उपचार करने के लिए किया जाता है, यह दवा दमा रोग में विशेष लाभकारी सिद्ध होती है, इसके अलावा यह फेफड़ो के संक्रमण, TB, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया जैसे रोगों में भी उपयोगी सिद्ध होती है, आज के इस आर्टिकल में हम यह जानेंगे कि

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ब्लाटा ओरिएण्टैलिस(होम्योपैथिक दवा) क्या है और इसका उपयोग किन - किन रोगों के उपचार में किया जाता है

क्या है ब्लाटा ओरिएण्टैलिस और इसकी खोज कैसे हुई ?

ब्लाटा ओरिएण्टैलिस एक होम्योपैथिक दवा है जो कि कॉकरोच के सीरम से प्राप्त होती है, इस दवा को बनाने के लिए जीवित कॉकरोच की जरूरत होती है, क्योंकि उसके अंदर एक खास किस्म का जीवद्रव्य पाया जाता है, जो देखने में एक तरह का सफेद गाढ़ा तरल द्रव होता है, दूसरी भाषा में समझे तो एक तरह का सफेद गाढ़ा पानी होता है, जिसके अंदर बहुत सारे गुण मौजूद होते है जो कि मनुष्यों में सभी तरह के श्वसन रोगों को ठीक करने की क्षमता रखते है।

इस दवा की खोज लापरवाही की वजह से हुई थी, जब दमा रोग से पीड़ित एक रोगी ने कॉकरोच पड़ी हुई चाय पी ली थी, उसके बाद उसके रोग में आश्चर्यजनक सुधार हुआ, तब वहां के डॉक्टरों ने उस चाय और कॉकरोच पर शोध किया और पाया कि कॉकरोच के अंदर का सफेद द्रव्य साँस से जुड़ी सभी तरह की बीमारी को पूरी तरह से ठीक कर सकता है, और इस द्रव्य में एक निश्चित मात्रा में दूध या दूध से बनी हुई सूखी हुई शर्करा मिलाने पर ही एक खास किस्म का तरल तैयार होता है, जिसे होम्योपैथी गोली में मिला कर रोगी को दी जाती है।

 

कैसे काम करती है ब्लाटा ओरिएण्टैलिस ?

जब इस दवा को रोगी को नियमित रूप से दिया जाता है तो यह तुरंत ही अपना असर दिखाना शुरू कर देती है, अगर रोगी को तेज खाँसी हो रही हो या फिर उसे दमा या अस्थमा हो, या फिर उसके फेफड़ो में किसी भी तरह का संक्रमण हो गया हो, या फिर मरीज को TB हो या फिर रोगी की सांस वाली नलिका में सूजन हो, इन सभी लक्षणो को यह दवा तुरंत ही ठीक करने लगती है, रोगी के शरीर में जाने के बाद यह तुरंत ही अपना असर दिखाना शुरू कर देती है क्योंकि यह दवा सीरम से बनती है।

 

ब्लाटा ओरिएण्टैलिस होम्योपैथिक औषधि का उपयोग किन-किन रोगों के उपचार में कर सकते है ?

ब्लाटा ओरिएण्टैलिस दवा का उपयोग बहुत सारे रोगों के निदान में किया जाता है जो कि निम्नलिखित है -

  1. दमा या अस्थमा में -

ब्लाटा ओरिएण्टैलिस नामक दवा का उपयोग दमा रोग में विशेष रूप से किया जाता है, क्योंकि यह साँस के सभी रोगों में बहुत ही असरदार दवा है, अगर किसी रोगी का दमा अपने शुरुआती चरण में है तो इस दवा की थोड़ी सी ही मात्रा रोगी को देनी चाहिए, जिससे रोगी जल्दी से इस रोग से मुक्ति पा लेगा, लेकिन अगर दमा रोग उस रोगी के जेनेटिक रोगों में से एक है और काफी पुराना रोग है और पीढ़ियों से यह रोग उसके परिवार में होता आ रहा है तो रोगी को इसकी हाई डॉज देनी पड़ती है, जिससे रोगी जल्दी से ठीक हो सके।

इस दवा को दिन में 3 से 4 बार खाली पेट खाया जा सकता है, बाकी का आप अपने डॉक्टर से सलाह ले सकते है।

अक्सर यह देखा गया है कि रात के समय रोगी का रोग बहुत बढ़ जाता है और उसे बहुत ही तकलीफ होती है इसीलिए इस दवा की एक खुराक रात में सोने से पहले रोगी को दी जाती है, जिससे रोगी आराम से सो सके।

  1. मानसिक रोगों में -

ब्लाटा ओरिएण्टैलिस मानसिक रोगों के इलाज में भी उपयोग की जाती है, यह रोगी के अंदर से बैचैनी, अनिद्रा, चिड़चिड़ापन, सुस्ती जैसे लक्षणो को दूर करती है, इसके सेवन से रोगी खुश रहने लगता है, और सभी से मिलजुलकर रहने लगता है।

  1. सिर के रोगों में -

ब्लाटा ओरिएण्टैलिस सिर के कुछ रोगों के उपचार में लाभदायक सिद्ध होती है, अगर रोगी के सिर में दर्द रहता है और उसे हमेशा चक्कर आते रहते है, या फिर उसके सिर में फोड़े-फुंशी हो रहे हो, तब इस परिस्थिति में रोगी को ब्लाटा ओरिएण्टैलिस की खुराक देनी चाहिए।

  1. आँख,नाक और कान के रोगों के उपचार में -

ब्लाटा ओरिएण्टैलिस का उपयोग आँख, नाक और कान के कुछ रोगों को ठीक करने में भी होता है, अगर रोगी के आँखों में खुजली या जलन हो रही हो और उसके कानों में दर्द होता हो और नाक में खुजली होती हो तब रोगी को इस दवा की खुराक देनी चाहिए।

ब्लाटा ओरिएण्टैलिस के अन्य रोगों में उपयोग -

  1. ब्लाटा ओरिएण्टैलिस छाती के सभी रोगों में असरदार है, अगर रोगी के सीने में जकड़न के साथ तेज दर्द हो तब इस दवा की खुराक उसे देनी चाहिए।
  2. यह दवा त्वचा रोगों को ठीक करने में भी उपयोग की जाती है, अगर रोगी के स्किन पर खुजली के साथ स्किन कट फट रही हो तो यह दवा रोगी के लिए अमृत के जैसी है।
  3. अगर रोगी के शरीर में तेज खुजली या हाथ-पैर सुन्न हो रहे हो या फिर उनमें तेज वाइब्रेशन हो रहा हो तब रोगी को यह दवा दे सकते है, इसके सेवन से यह सभी लक्षण खत्म हो जाते है।

ब्लाटा ओरिएण्टैलिस का सेवन करने से पहले कुछ सावधानियां -

  1. दवा को अपने डॉक्टर की सलाह पर ही खाये।
  2. कभी भी दवा की अधिक मात्रा मत ले।
  3. दवा को बच्चों की पहुँच से हमेशा दूर रखें।
  4. दवा को हमेशा सूखी और ठंडी जगह पर ही रखे जहाँ पर सूर्य की रोशनी न आती हो अन्यथा दवा अपनी सभी औषधीय गुण खो देगी।
  5. इस दवा को कभी भी फ्रिज में न रखे नही तो यह जहर बन जाएगी।
  6. दवा का कभी भी ओवरडोज़ न ले, नही तो रोगी की तबियत बिगड़ सकती है।

ब्लाटा ओरिएण्टैलिस के साइड इफ़ेक्ट क्या हो सकते है ?

वैसे तो ब्लाटा ओरिएण्टैलिस के कुछ भी साइड इफेक्ट्स अभी तक सामने नही आये है, अगर आप अपने डॉक्टर की सलाह पर इस दवा का सेवन करेंगे तो आपको कोई भी साइड इफ़ेक्ट देखने को नही मिलेगा।

ब्लाटा ओरिएण्टैलिस की एक्सपायर डॉज -

अगर आपकी दवा एक्सपायर हो गयी है या फिर वो एक्सपायर होने वाली है तो उस दवा का सेवन आपको नही करना चाहिए, क्योंकि जितनी भी होम्योपैथिक दवाएं होती है वो सभी एक्सपायर होने के बाद जहरीली हो जाती है जिनके सेवन से रोगी की हालत बहुत बिगड़ भी सकती है, इसीलिए हमेशा अच्छी दवा ही खाएं।

निष्कर्ष -

आपने आज ब्लाटा ओरिएण्टैलिस के बारे में सभी जरूरी बातें जानी, और इसके उपयोग करने का तरीका भी जाना, लेकिन इस दवा का सेवन कभी भी अपने मन से नहीं करना, अगर आपको कोई भी दिक्कत होती है तो सबसे पहले आप डॉक्टर के पास जाना, वहाँ पर उचित जाँच के बाद डॉक्टर खुद आपको दवा देगा।

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